Electrician and Fitter

इलेक्ट्रीशियन एवं फिटर प्रशिक्षण

दस्तकारी प्रशिक्षण योजना (CTS - Craftsman Training Scheme) के अंतर्गत इलेक्ट्रीशियन और फिटर व्यवसाय सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में से एक हैं, जिन्हें NCVT के नेटवर्क के माध्यम से देश भर में संचालित किया जाता है। ये दोनों ही व्यवसाय बहुत से छात्रों की पहली पसंद होते हैं। इन दोनों ही व्यवसायों की अवधि दो वर्ष की होती है। इन दो वर्षों में जहाँ एक ओर इलेक्ट्रीशियन व्यवसाय में छात्र-छात्राओं को विद्युत उपकरणों की फिटिंग, वायरिंग और इंस्टॉलेशन करना सिखाया जाता है, वहीं दूसरी ओर फिटर व्यवसाय में छात्र-छात्राओं को धातु के हिस्सों को आकार देना और यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करके उन्हें मशीनों में फिट और असेम्बल करना सिखाया जाता है। फिटर व्यवसाय मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) से संबंधित है जो कि उत्पादक सामग्री और विनिर्माण क्षेत्र (Capital goods and Manufacturing Sector) के अंतर्गत आता है।

कोर्स अवधि: 2 वर्ष

योग्यता: 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

आयु सीमा (Eligibility)

  • छात्रों ने 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की होनी चाहिए।
  • प्रवेश तिथि (01 अगस्त) को न्यूनतम आयु 14 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए।
  • न्यूनतम आयु में कोई छूट नहीं दी जाएगी।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु में नियमानुसार छूट दी जाती है।

पाठ्यक्रम (Syllabus)

  • आईटीआई इलेक्ट्रिशियन और फिटर व्यवसायों का पाठ्यक्रम प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT - Directorate General of Training) द्वारा निर्धारित किया गया है।
    • पाठ्यक्रम को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है:
    • डोमेन क्षेत्र (Domain Area): इसमें व्यवसाय से संबंधित सिद्धांत और प्रायोगिक ज्ञान (Trade Theory & Practical) शामिल होता है।
    • कोर क्षेत्र (Core Area): इसमें मुख्य रूप से कार्यशाला विज्ञान एवं गणना (Workshop Science & Calculation), इंजीनियरिंग ड्राइंग (Engineering Drawing), और रोजगार कौशल (Employability Skills) सिखाए जाते हैं।

इलेक्ट्रिकल प्रशिक्षण

  • फ्लॉप बोर्ड और अन्य विद्युत उपकरणों के डीसंक्शन करना।
  • बिजली की मशीनी एवं उपकरण जैसे कि मोटर, ट्रांसफार्मर, जनरेटर, फ्लॉपफिक्सर, पंखे आदि को फिट और इंसटॉल करना।
  • जहाँ आवश्यक हो विशेषज्ञों के अनुसार यांत्रिक खण्डों, प्रतिरोध इंसुलेटर आदि को फिट करना।
  • P.C.B. की सोल्डरिंग और D. सोल्डरिंग करना।
  • डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल वायरिंग एवं अर्थिंग करना।
  • विद्युत उपकरण जैसे वोल्टमीटर, एममीटर, ऑवमीटर, एनर्जी मीटर, अर्थ टेस्टर आदि का उपयोग करके विद्युत मात्राओं को मापना।
  • एम्पेयर वायरिंग, सिंगल एंड थ्री फेज मोटर वायरिंग और छोटे ट्रांसफार्मर की वायरिंग करना।
  • विद्युत A.C./D.C. मशीनरी, लाइटिंग सर्किट्स, घरेलू उपकरणों और उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की इंस्टॉलेशन, रखरखाव और मरम्मत करना।
  • विभिन्न उपकरण जैसे सेल चार्जर, पैनल बोर्ड, इलेक्ट्रिकल पोस्ट, फ्यूज़ बॉक्स फ्लॉपफिक्सर, मीटर, रिले आदि को ठीक करना।
  • ब्रेकडाउन के समय नुकसानों का पता लगाना और आवश्यकता अनुसार फ्यूज़, जले हुए कॉयल, फ्लॉप कंडक्टर आदि को बदलना आदि।

फिटर प्रशिक्षण

  • फ्लॉप बोर्ड और अन्य विद्युत उपकरणों के डीसंक्शन करना।
  • बिजली की मशीनी एवं उपकरण जैसे कि मोटर, ट्रांसफार्मर, जनरेटर, फ्लॉपफिक्सर, पंखे आदि को फिट और इंसटॉल करना।
  • जहाँ आवश्यक हो विशेषज्ञों के अनुसार यांत्रिक खण्डों, प्रतिरोध इंसुलेटर आदि को फिट करना।
  • P.C.B. की सोल्डरिंग और D. सोल्डरिंग करना।
  • डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल वायरिंग एवं अर्थिंग करना।
  • विद्युत उपकरण जैसे वोल्टमीटर, एममीटर, ऑवमीटर, एनर्जी मीटर, अर्थ टेस्टर आदि का उपयोग करके विद्युत मात्राओं को मापना।
  • एम्पेयर वायरिंग, सिंगल एंड थ्री फेज मोटर वायरिंग और छोटे ट्रांसफार्मर की वायरिंग करना।
  • विद्युत A.C./D.C. मशीनरी, लाइटिंग सर्किट्स, घरेलू उपकरणों और उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की इंस्टॉलेशन, रखरखाव और मरम्मत करना।
  • विभिन्न उपकरण जैसे सेल चार्जर, पैनल बोर्ड, इलेक्ट्रिकल पोस्ट, फ्यूज़ बॉक्स फ्लॉपफिक्सर, मीटर, रिले आदि को ठीक करना।
  • ब्रेकडाउन के समय नुकसानों का पता लगाना और आवश्यकता अनुसार फ्यूज़, जले हुए कॉयल, फ्लॉप कंडक्टर आदि को बदलना आदि।