Sewing Technology / Fashion Designing

सिलाई प्रौद्योगिकी

सिलाई प्रौद्योगिकी एक रोज़गार उन्मुख व्यवसाय है जो सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोज़गार के लिए उपयुक्त है। यह पाठ्यक्रम भारतीय उद्योगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय उद्योगों की औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने एवं आत्मसशक्तिकरण के लिए बहुत प्रभावशाली है एवं विभिन्न पद जैसे : सिलाई मशीन ऑपरेटर, डिजाइनिंग में सहायक, बुटीक में सहायक, नमूना निर्माण सहायक, परिधान डिज़ाइनर सहायक बनने के लिए प्रेरित करता है।

कोर्स अवधि: एक वर्ष (1 Year)

योग्यता (Eligibility)

सिलाई प्रौद्योगिकी व्यवसाय में प्रवेश लेने के लिए छात्र- छात्राओं को आठवीं (8th) की परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।

आयु सीमा (Age limit)

  • प्रशिक्षार्थी की आयु प्रवेश वर्ष में 01 अगस्त को 14 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
  • न्यूनतम आयु सीमा में किसी प्रकार की कोई छूट का प्रावधान नहीं है।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को अधिकतम आयुसीमा में नियमानुसार छूट दी जाती है।

पाठ्यक्रम (Syllabus)

  • आई0टी0आई सिलाई प्रौद्योगिकी का पाठ्यक्रम प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT - Directorate General of Training) द्वारा निर्धारित किया गया है।
    • पाठ्यक्रम को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है:
    • डोमेन क्षेत्र (Domain Area): इसमें व्यवसाय से इसमें व्यवसाय से संबंधित सिद्धांत और प्रायोगिक ज्ञान (Trade Theory & Practical) प्रदान किया जाता है।
    • कोर क्षेत्र (Core Area): इसमें मुख्य रूप से रोज़गार कौशल (Employability Skills) संबंधित ज्ञान प्रदान किया जाता है।

सिलाई प्रशिक्षण में आप क्या सीखेंगे

  • सिलाई प्रौद्योगिकी व्यवसाय के प्रशिक्षु लेडीज़ टॉप ,पेटिकोट, शॉर्ट कुर्ती, लेडीज़ सूट, नाइट वेयर, ब्लाउज़ ,जींस आदि का निर्माण करते हैं।
  • वे नवजात शिशु के लिए ड्रेस ,टॉडलर ड्रेस ,बच्चों के लिए ड्रेस ,जेंट्स कैजुअल, शर्ट - ट्राउजर आदि भी बनाना सीखते हैं।
  • इसके अतिरिक्त प्रशिक्षुओं को कपड़ों पर बाटिक पेंटिंग करना, विभिन्न प्रकार की कढ़ाइयाँ,जैसे कश्मीरी स्टिच, चिकनकारी, सिंधी वर्क ,शैडो वर्क, रिबन वर्क, मिरर वर्क ,स्मोकिंग , टाई एंड डाई, पिको आदि करना भी सिखाया जाता है।
  • नवीनतम फैशन से संबंधित डिज़ाइनर्स के कपड़े, कुशन्स, तकिए के कवर , बैग्स , पर्स ,बटुए चादरें आदि सिखाया जाना इस व्यवसाय का प्रमुख आकर्षण है।
  • इस व्यवसाय में प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षार्थी बुनियादी सिलाई मशीनों एवं ओवरलॉक मशीनों पर अभ्यास कर सिलाई करना, उनका रख रखाव एवं मशीन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं।